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बिहार सरकार ने राज्य के मीडियाकर्मियों को वित्तीय सहायता देने के लिए एक योजना की शुरूआत की है जिसके तहत पत्रकारों को पेंशन दी जाती है। योजना के मुताबिक राज्य सरकार पत्रकारों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में 6,000 रुपये देती है। सरकार का कहना है कि पत्रकार देश भर में लोकतंत्र को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं। ऐसे में इस बात की जरूरत है कि समाज को जागरुक करने वाले पत्रकार को आर्थिक दिक्कतों का सामना ना करना पड़े इसलिए इस योजना की शुरूआत की गई है।
किन्हें मिलेगा योजना का लाभ?
रिटायर्ड पत्रकार जिन्होंने कम से कम 20 सालों तक किसी भी प्रिंट मीडिया या चैनल में काम किया है, वे पेंशन के रूप में प्रति माह 6,000 रुपये प्राप्त कर सकेंगे।
योजना की मुख्य विशेषताएं
राज्य सरकार ने विशेष रूप से राज्य के सभी वरिष्ठ पत्रकारों के लिए इस योजना की शुरूआत की है जिसके माध्यम से सभी पत्रकारों को आत्मनिर्भर रखने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
जो व्यक्ति जो पहले से ही ईपीएफओ से पेंशन प्राप्त कर रहे हैं वो इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
पेंशन राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
आवेदक की मृत्यु की स्थिति में पति या पत्नी पेंशन की आधी रकम प्राप्त करने के हकदार हैं।
पात्रता
योजना के लिए आवेदन करने वाले रिटायर्ड पत्रकार बिहार के निवासी होने चाहिए।
आवेदकों को पेशे में कम से कम 20 साल का अनुभव होना चाहिए।
आवेदक की आयु 60 वर्ष होनी चाहिए।
पत्रकार को सूचना जनसंपर्क विभाग (आईपीआरडी) द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए और उसकी पहचान राज्य सरकार द्वारा सत्यापित की जानी चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज
स्थाई प्रमाण पत्र
आय प्रमाण पत्र
आधार कार्ड
मतदाता पहचान पत्र
बैंक खाता विवरण